तू था तो वक़्त कहीं ठहरता नहीं था,
अब वक़्त गुजरने में भी वक़्त लगता है...
खामोशियां ही बेहतर है.....
शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं....
शायद हम ही बेवफा थे कि,
झटके से उनके दिल से निकल गए..
उनकी वफा तो देखिये की ,
उनकी वफा तो देखिये की ,
अब तक दिल मे घर किये बैठे है ।
तू नाराज न रहा कर
तुझे वास्ता है खुदाका....
एक तेरा ही चेहरा खुश देख कर तो
हम अपना गम भुलाते हैं...!
तुम्हारा हर अंदाज़ अच्छा है !
सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !!
सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !!
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